रावण हर साल मरता है.....व्यंग लेख

रावण हर साल मरता है

 

 रावण हर साल मरता है

 

अब शाम होते ही सभी लोग रामलीला देखनें के लिए एकत्र हो जाते है। मानाकि रामलीला में हर साल एक ही थीम रहती है लेकिन फिर भी आयोजक इसमें चार चॉद लगानें हेतु प्रतिवर्ष कुछ न कुछ नयें मिर्च मसाले का तड़का लगाते रहते है। जिससें भीड़ जुट सके और दर्शकों का मनोरंजन होता रहें। 

 

लेकिन इस बार रामलीला में भाग लेनें वाले पात्रों में आक्रोश है सभी बेमन से अपना – अपना किरदार निभा रहे है। जब कलाकारों से उनकी बेरूखी और आक्रोश के बारें में पूछा गया - तो पता चला कि कलाकारों को पिछली साल का ही पेमेन्ट नही मिला। आयोजको नें पेमेन्ट न देनें का पूरा – पूरा जिम्मा कोरोना काल पर ही थोप दिया है। अब बेचारे कलाकार करे भी तो क्या करें बिना मन से रामलीला करनें में लगें है। आयोजक नटवर लाल जैसे - तैसे सभी कलाकारों को यह कह कर मनोबल बढ़ा रहा है कि इस बार अच्छा चन्दा मिलने की उम्मीद है, जिससें सभी कलाकारों को इस साल और पिछले साल दोनों का मेहनताना देकर खुश कर दिया जायेंगा। इसी कारण से नटवर लाल नें शहर के कई धनी व्यक्तयों और नेताओँ को रावण दहन वाले दिन आमंत्रित भी किया है। लेकिन नटवर लाल की हर साल की नई चालाकी को कलाकार भी खूब समझनें लगे है, और यहीं कारण है कि कुछ कलाकारों नें इस्तीफा भी दे दिया है और वे दूसरे शहर की रामलीला में प्रतिभाग कर रहे है। 

 

नटवर लाल भी सस्ते के चक्कर में पड़ा है और नयें – नयें लड़को को पकड़कर रामलीला में अभिनय करनें के लिए ला रहा है। अब नयें लड़के तो ठहरे ठेठ गवार है जिन्हे रामायण के बारे में तनिक भी ज्ञान नही है। पूरे दिन नटवर लाल उन्हे रामायण सीरियल दिखाकर धार्मिक बनानें की कोशिश कर रहा है और कुछ वाक्य रटानें की पूरी कोशिश कर रहा है। लेकिन फिर भी रामलीला में लड़के कुछ न कुछ गड़बड़ करके चले आते है। कल ही जब लक्ष्मण के शक्ति लगी तो हनुमान जी की जगह विभीषण जी ही संजीवनी बूटी लेकर आ गये। दर्शको नें जब शोर मचाया तो नटवर लाल नें क्षमा मांगी और बताया कि हनुमान जी वाला पर्चा विभीषण से बदल गया था। दर्शकों नें भी सोचा चलो कोई बात नही हमें ही कौन सी पूरी रामायण रटी रखी है। 

 

आज रावण दहन के दिन भी अचानक से रावण का मूढ़ अपसेट हो गया और उसनें हड़ताल कर दी है। नटवर लाल उसे मनानें की पूरी कोशिश कर रहा है लेकिन वह कम पैसे में अपना वध करवानें के लिए तैयार नही है। वह कह रहा है कि हर साल उसे ही मरना पड़ता है। लोग रामलीला के बाद तक पूरी साल उसे रावण आया – रावण आया कह कर चिढ़ाते रहते है। उसनें अपनी हड़ताल की सूचना व्हाटसअप से राम चन्द्र जी और जामवन्त जी को भी दे दी है। अब नटवर लाल परेशान है कि वह अचानक से नया रावण कहॉ से लायें। रावण की हड़ताल के बारे में कुछ दर्शकों को भी भनक लग गयी तो वे उसे मनानें उसके घर गयें तब रावण नें फिर से कम पैसे में मरनें वाली बात कहीं। तो लोगो नें कहा कि तुम दुराचारी और पापी हो इसलिए तुम्हे हर साल मरना पड़ता है। और रही बात कम पैसे में काम करनें की तो इस बार तुम्हे और अधिक पैसे देकर खुश कर दिया जायेगा। तो रावण बोला कि मैं तो सिर्फ दुराचारी और पापी रावण का किरदार निभाता हूं जिस कारण से मेरा वध होता है। लेकिन समाज में तो न जानें कितनें ऐसे रावण है जो वास्तव में दुराचारी और पापी है, उनमें से किसी को भी पकड़कर कर रामलीला में प्रतिभाग करवा दीजियें.....

 

रावण की यह बात सुनकर सभी की नजरें शर्म से नीचे झुकी थी। और सभी लोग बिना कुछ बोले वापस लौट आयें.......

लेखक

गौरव सक्सेना

 

उक्त लेख कोे एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र वेलकम इंडिया नें सम्पादकीय पृष्ठ पर दिनांक 16 अक्टूबर 2021 के अंक में तथा देश धर्म समाचार पत्र नें दिनांक 24 अक्टूबर 2021 के अंक में प्रकाशित किया है। 

 

रावण हर साल मरता है

 

Gaurav Saxena

Author & Editor

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