लॉकडाउन काल में बेहतर समय प्रबंधन
वैश्विक बीमारी कोरोना वायरस के उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन को बढ़ा कर 3 मई 2020 तक कर दिया गया है। ऐसे संकट के समय में आवश्यक सेवाऔं में लगे यौद्धाऔं को छोड़कर सभी आम जनमानस को घरों पर ही रहनें का निर्देश दिया गया है। अब लोगो के मध्य पूरे दिन खाली घर पर रहना एक बड़ी चुनौती बन कर उभर रहा है, आईये आज हम आपकों कुछ ऐसे सुझाव से रूबरू करायेगे जो कि आपके लिए लॉकडाउन काल में बेहतर समय प्रबंधन करेगे, और आपकों मानसिक सुख भी देगे।
1) घर के सभी सदस्यों के साथ मिलकर साफ- सफाई करिये, अपनें पुरानें किताबघर को भी संजीदा बनाइये क्या पता भागदौड़ भरी जिन्दगी में से कोई ऑखो से औझल हो चुकी अतिप्रिय पुस्तक या उपन्यास हाथ लग जाये, और आपके मानस पटल पर भीनी खुशबू से सराबोर कर जायें।
2) घर के बुर्जुगजनों से खूब संवाद करियें, उनसे उनके पुरानें अनुभवों को सुनियें और साझा करियें। उन्हे अपनी हर एक खुशी में शामिल करियें। ज्यादा से ज्यादा समय उनके अनुभवों की छांव में बिताइये, यकीन मानिए हर एक चीज गूगल पर नही मिलती।
3) व्यायाम, योग, प्राणायाम को अपनी जीवन शैली में शामिल करियें, इस दिशा में कई नि:शुल्क ऑनलाइन कक्षायें चल रही है, समय रहते इनका लाभ उठाइये। परिवारीजनों को भी उनके अनुरूप योग व प्राणायाम करवाइयें।
4) लम्बी नीरस दोपहर में आप प्रतिदिन कुछ नया सीखने के छोटे–छोटे लक्ष्य बनाइये और सोनें से पूर्व तक उन्हे अवश्य पूरा करियें। उदाहरण के तौर पर आप संख्याऔ के वर्ग, घन और पहाड़े याद करियें, जिससे इन सबके कंठस्थ होनें पर यह आपकी आमजीवन शैली में गणनाऔं को सरल बना देगे। ऐसे ही लक्ष्य आपनें बच्चो को भी दीजिए एवं सिखाइये।
5) इस समय पर कई पौराणिक कार्यक्रमों का संचालन टेलीविजन के माध्यम से किया जा रहा है, परिवार के साथ बैठकर इनका आनन्द लीजिए और इनके समापन के बाद प्रतिदिन पौराणिक चर्चायें भी करियें। आपका यह प्रयास नि:सन्देह परिवार को संस्कारवान बनायेगा। अफवाहो और अक्रामक टेलीविजन बहस देखनें की अपेक्षा उच्च कोटि का साहित्य, तकनीकी, कला, ग्रामीण जीवन, समसामायिक मुद्दो पर सार्थक कार्यक्रम ही देखे, जिससे आपके अन्दर एक सकारात्मक उर्जा का संचार होगा।
6) अपनें अन्दर छिपी प्रतिभा को तरासनें का यही उचित सही समय है। अपनें खाली समय में इसका विस्तार करिये। उदाहरण के तौर पर लेखन, काव्य रचना, संगीत, पाक कला, नृत्य, वाद्य यंत्र पर रियाज कर समय का सदुपयोग करियें तथा घरेलू पड़ी पुरानी बेकार साम्रगी का उपयोग करते हुये कोई नयी उपयोग की वस्तु का निर्माण कर अपनी रचनात्मकता को एक नया आयाम दीजिए।
7) घर पर लगे पेड़- पौधो की देखरेख साफ – सफाई, निराई-गुड़ाई में प्रतिदिन समय दीजिए। घर को प्राकृतिक आभा से सराबोर करनें हेतु चिड़ियों के लिए बालकनी में पानी व दानें की व्यवस्था करियें। इनकी चहचआहट तो बस आपका दिल खुश कर देगी।
8) परिवारी सदस्यों की पुरानी तस्वीरो, वैवाहिक व अन्य मंगल कार्यक्रमों की वीडियों को परिवार के साथ देख कर पुरानी सुखद यादों को ताजा करियें। सारे दिन अपनें मोबाइल में FACEBOOK, WHATSAPP में समय बर्बाद मत करियें। आप इस सन्दर्भ में मेरी इसी बेबसाइट पर स्मार्टफोन के दुष्परिणाम नामक एक अन्य लेख का भी अवलोकन कर सकतें है। (बेब लिंक - Link )
9) प्रतिदिन कुछ न कुछ नया पढ़नें की भी आदत बनाइये, कोशिश करिए कि आप अखबार पढ़नें के अतिरिक्त कोई अन्य पुस्तक भी प्रतिदिन अवश्य पढ़े। गोदान, गबन, ठेले पर हिमालय, गीत गोविन्द और गीतांजलि आखिर कब पढ़ेगे ???
10) व्यस्तता के चलते प्रतिदिन की जानें वाली ईश्वरीय प्रार्थना को इस समय थोड़ा गहनता से लीजिए, जल्दबाजी में करते आ रहे मंत्रोचार, पाठ का अपनी आमभाषा में अनुवाद को गहनता से पढ़िये, जिससे आपकों अपनी भक्ति में और अधिक स्थिरता मिलेगी तथा आपका ज्ञानार्जन भी होगा।
11) पुराने अव्यवस्थित एवं अपूर्ण कार्यो की एक सूची बनाइये, यदि इनमें से कोई कार्य लॉकडाउन का पालन करते हुये घर पर रहकर किया जा सकता हो तो इसे शीघ्रता से पूर्ण करें तथा अन्य बाहरी कार्यो को लॉकडाउन समाप्ति के बाद पूर्ण करके अपने जीवन पहिये को गति दीजिए।
लेखक
गौरव सक्सेना
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