फेसबुकिया संसार - व्यंग लेख

फेसबुकिया संसार -  व्यंग लेख


फेसबुकिया संसार -  व्यंग लेख



आज समय के साथ-साथ कई चीजे अत्यधिक साहित्यिक हो गयी है। लोगो की शब्दावली में अचानक से शेयर बाजार की भॉति साहित्यिक तेजी आयी है। नये शब्द कुछ अटपटे लगे या फिर आपके पारम्परिक साहित्यिक पैमाने पर फिट न बैठे तो समझ लेना कि आप फेसबुकिया और शार्टकट नामक क्रान्ति के दौर से गुजर रहे है। यहॉ हर विषय वस्तु का शार्टकट उपलब्ध है, और नवीन शब्दावली पूर्णतया प्रभाव में है। अब रिश्वत शब्द को ही ले लीजिए, अब इसे इसके प्राचीन मूल नाम से पुकारा जाना पाप समझा जाने लगा है नया साहित्यिक नाम सुविधा शुल्क हो गया है लेकिन अभी भी शब्दो की बाजीगरी पूरी नही होती है, और हो भी क्यो साहित्यिक लेखन कोई बच्चों का खेल थोड़े ही कि जो मन में आया लिख दिया। 


इस फेसबुकिया बाजार में भी कई चेलैन्ज है जिनका सामना आये दिन फेसबुकिया लेखकों को करना पड़ता है तब जाकर लाइक, कमैन्ट और शेयर नाम के मैडल लेखकों की झोली में आ पाते है तो फिर शब्दों की रोचकता को मद्देनजर रखते हुये इन शब्दों के समानअर्थी शब्द भी तो लेखकों को गढ़ने पड़ते है। अब सुविधा शुल्क का समानअर्थी शब्द मुख भराई को ही ले लो, जो आपकों खूब साहित्यिक लेखों में देखने को मिलता होगा। 


साहब यह शब्दों का ही मायाजाल है जो समय और परिस्थिति के अनुरूप अपने आप को ढालने की शक्ति रखता है। जो लेखक इसमें बह जाते है वह पुरस्कार और ख्याति प्राप्त करते है, और जो इन शब्दों से नही खेल पाते है उनका तो भगवान ही मालिक है। वे रद्दी के ढ़ेर अपने घर में संरक्षित कर सकते है शायद शहर में कोई विनटेज कम्पटीशन हो जाये और वह रद्दी की भी कीमत लग जाये। समय होता है साहब हर चीज का । कौन खोटा सिक्का कब बाजीगर बन जाये कोई नही जानता।  


फेसबुकिया सलाह के तौर पर मैं यही कहना चाहूंगा कि आप भी शार्टकट लेखक बनना चाहंते है तो फिर अपने हुनर को फेसबुकिया संसार में कट, पेस्ट और कॉपी जैसे धारदार नुकेले हथियारों से अपनी मुथरी पड़ी लेखनी में शान धरते रहा करिये इससे आपका काम चल जायेगा, और इस फेसबुकिया संसार में जल्दी नाम कमा सकते है या यह कहे कि शार्टकट में लॉग कट मार सकते है। पर ध्यान अवश्य रहे यहॉ पर भी कॉपीराइट जैसे संकटासुर घूमते रहते है इन्होने यदि आपकों पकड़ लिया तो फिर अर्श से फर्श पर आते देर नही लगती।


व्यंगकार
गौरव सक्सेना
 
उक्त लेख को दैनिक समाचार पत्र देश धर्म नें अपनें 25 जुलाई 2021 के अंक में प्रकाशित किया है। 
फेसबुकिया संसार -  व्यंग लेख

 

Gaurav Saxena

Author & Editor

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