हिन्दुस्तान ने खोया शायरी का मशहूर जादूगर – राहत इन्दौरी

 हिन्दुस्तान ने खोया शायरी का मशहूर जादूगर – राहत इन्दौरी

हिन्दुस्तान ने खोया शायरी का मशहूर जादूगर – राहत इन्दौरी
 

आज हिन्दुस्तान की आंखे नम है, एक शोक लहर का माहौल है। देश नें आज शायरी के एक बड़े हस्ताक्षर राहत इन्दौरी को सदैव के लिए खो दिया है। राहत साहब कोरोना संक्रमित भी थे तथा आज उन्होनें शाम को अन्तिम सांस ली। राहत साहब का इस तरह से जाना वास्तव में देश के लिए एक बड़ी क्षति है। अदब और शब्दो से जिन्दगी को बखूबी शायरी में पिरोह देना तो कोई राहत साहब से ही सीखें। दिल को छू जानें वाले अल्फाज से आम आदमी की जिन्दगी को संजीवनी देने का जो हुनर राहत साहब के हिस्से में था उसकी अब सदैव कमी खलती रहेगी। 

 

उनकी लेखनी में दर्द, जिन्दगी की कस्मकस और अनूठे शिक्षाप्रद एंव तालीमी अनुभवों का पिटारा समाहित होता था, देर रात तक काव्य मंचो को संजीदा बनाकर लोगो की जिन्दगी में उतरना स्वयं में एक अकलपनीय लम्हे होते थे, अब उनकी जगह कोई नही ले सकता है।

 

उन्होनें गंगा जमुनी तहजीब में सदैव समाज को एकजुटता के सूत्र में बांधकर भाईचारे का सन्देश दिया था, हिन्दी व उर्दू भाषा में उत्कृष्ट लेखन के लिए उन्हे कई पीढियों तक याद किया जायेगा।

 

राहत साहब भले ही आज हमारे बीच नही रहे हो परन्तु उनकी बेशकीमती शायरी और लेखन उन्हे अवाम के बीच सदैव जीवित रखेगा। और उन्हे सदैव श्रृद्धा और आदर के साथ स्मरण भी किया जायेगा।


लेखक 

गौरव सक्सेना

 

Gaurav Saxena

Author & Editor

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